एक महत्वपूर्ण कदम में, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने Maldives में तैनात भारतीय सैनिकों की शीघ्र वापसी की घोषणा की, जिससे रणनीतिक चर्चाओं और राजनयिक युद्धाभ्यासों की एक श्रृंखला शुरू हो गई।
यहां, हम इस विकास के विवरण, इसके निहितार्थ और इस महत्वपूर्ण निर्णय के आसपास के व्यापक संदर्भ पर प्रकाश डालते हैं।
Repatriation Deadline: March 10, 2024
Muizzu’s Announcement
राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने उद्घाटन भाषण में बताया कि मालदीव में तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक से भारतीय सैनिकों की प्रारंभिक टुकड़ी के स्थानांतरण के लिए भारत के साथ एक समझौता हुआ है।
इस स्वदेश वापसी के लिए निर्धारित समय सीमा 10 मार्च, 2024 है। उन्होंने आगे बताया कि शेष दो प्लेटफार्मों से सैन्यकर्मी 10 मई, 2024 तक वापस चले जाएंगे।
Commitment to Sovereignty
Muizzu’s Presidential Pledge
मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, मुइज़ू ने व्यक्त किया कि विदेशी सैनिकों की वापसी उनकी सरकार के जनादेश का एक महत्वपूर्ण पहलू था।
उन्होंने इस उद्देश्य के लिए लोगों के भारी समर्थन को “मालदीव से विदेशी सैनिकों को वापस लेने, मालदीव के समुद्र के खोए हुए हिस्से को वापस पाने और मालदीव की संप्रभुता को कमजोर करने वाले किसी भी समझौते को रद्द करने की प्रतिज्ञा” के रूप में व्यक्त किया।
Exclusive Economic Zone (EEZ) Control
मुइज़ू ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की चौबीसों घंटे निर्बाध निगरानी सुनिश्चित करते हुए मालदीव सेना की क्षमताओं को बढ़ाने की योजना की घोषणा की।
यह कदम उसके समुद्री क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने की व्यापक रणनीति के अनुरूप है।
Political Landscape: Opposition’s Response
Boycott and Concerns
मुइज्जू के संसदीय संबोधन के दौरान, मालदीव के केवल 24 सांसदों ने भाग लिया, जबकि 56 सांसदों ने सत्र का बहिष्कार किया, जिनका नेतृत्व मुख्य रूप से मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट्स ने किया।
विपक्ष ने “सरकार के अलोकतांत्रिक तरीकों” के बारे में चिंताओं का हवाला दिया। यह निर्णय की विवादास्पद प्रकृति और इसके राजनीतिक नतीजों को रेखांकित करता है।
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Diplomatic Developments: India-Maldives Core Group
Mutual Agreement on Replacement
हाल ही में नई दिल्ली में भारत और मालदीव के बीच उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की बैठक में आपसी सहमति बनी।
भारत 10 मार्च, 2024 तक एक विमानन प्लेटफ़ॉर्म में सैन्य कर्मियों को बदल देगा, और 10 मई, 2024 तक अन्य दो प्लेटफार्मों में प्रतिस्थापन पूरा कर लेगा।
यह दोनों देशों के हितों को समायोजित करने वाले व्यावहारिक समाधान खोजने के कूटनीतिक प्रयास को दर्शाता है।
Bilateral Cooperation Review
कोर ग्रुप की बैठक में रक्षा और सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और विकास साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की व्यापक समीक्षा भी शामिल थी।
दोनों देश फरवरी के अंत में माले में तीसरी बैठक आयोजित करने पर सहमत हुए, जिसमें चल रही राजनयिक व्यस्तता पर प्रकाश डाला गया।
Humanitarian and Medevac Services
Practical Solutions for Ongoing Operations
राजनयिक चर्चा का एक अनिवार्य पहलू भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए व्यावहारिक समाधान पर सहमति थी।
ये प्लेटफ़ॉर्म मालदीव की आबादी को महत्वपूर्ण मानवीय और चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करते हैं। यह मालदीव के लोगों के लिए निरंतर समर्थन सुनिश्चित करते हुए रणनीतिक चिंताओं को दूर करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण प्रदर्शित करता है।
Conclusion
अंत में, मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी की राष्ट्रपति मुइज्जू की घोषणा ने रणनीतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक आयामों को शामिल करते हुए एक बहुआयामी चर्चा को जन्म दिया है।
जैसे-जैसे समय सीमा नजदीक आ रही है, हिंद महासागर क्षेत्र में भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव देखने की संभावना है, और भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंध विकसित होते रहेंगे।
आगामी उच्च-स्तरीय कोर समूह की बैठक इस महत्वपूर्ण राजनयिक वार्ता के प्रक्षेप पथ में और अंतर्दृष्टि का वादा करती है।